sammechbodhak aavaya kya hote hai mai samaz nahi pa raha hu

सुमच्चयबोधक अव्यय दो वाक्यों को जोड़ने या पृथक करने का कार्य करते हैं। परन्तु, किन्तु, क्योंकि, या, लेकिन, तथा, और, इसलिए, जैसे-तैसे, इत्यादि सुमच्चयबोधक अव्यय कहलाते हैं। 

इसके दो भेद होते हैं- समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय और व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय।

1. समानाधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय- एक ही स्थिति, स्तर या जाति वाले उपवाक्यों, वाक्यों और शब्दों को जोड़ने वाले समुच्चयबोधक अव्यय इसके अंदर आते हैं। जैसे- एवं, परंतु, और, वरना, किंतु, अतः, लेकिन बल्कि इत्यादि होते हैं।

2. व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय- ऐसे अव्यय जो आश्रित या प्रधान उपवाक्यों को आपस में जोड़ने का कार्य करते हैं, वे व्यधिकरण समुच्चयबोधक अव्यय कहलाते हैं। जैसे- क्योंकि, यद्यपि, यदि-तो, मानो, जिससे, जब-तब इत्यादि होते हैं।

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