please give me the summary of the hindi poem kanyadan para by para
I want it for a ppt
पहले पहरे में लेखक माँ के दुख का वर्णन कर रहा है।
दूसरे पहरे में लेखक बेटी के स्वभाव तथा जीवन के प्रति उसके दृष्टिकोण को दर्शा रहा है।
तीसरे पहले में माँ अपनी बेटी को सीख दे रही है।
चौथे पहरे में माँ उसे लड़की के समान कमज़ोर और भावुक न होने की सलाह देती है।
दूसरे पहरे में लेखक बेटी के स्वभाव तथा जीवन के प्रति उसके दृष्टिकोण को दर्शा रहा है।
तीसरे पहले में माँ अपनी बेटी को सीख दे रही है।
चौथे पहरे में माँ उसे लड़की के समान कमज़ोर और भावुक न होने की सलाह देती है।