please answer this.

उत्तर :- 

(ग) जॉर्ज पंचम की नाक  पाठ के अनुसार जॉर्ज पंचम की नाक की तलाश में मूर्तिकार ने पूरे देश का भ्रमण किया । सबसे पहले वह दिल्ली गया, फिर उसके बाद बंबई, गुजरात, बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, मद्रास, मैसूर,केरल, पंजाब आदि जगहों पर गया । पूरे हिंदुस्तान की परिक्रमा करने पर भी लाट के लिए नाक की उसकी तलाश पूरी नहीं हुई । 
जैसा कि हम जानते हैं नाक सम्मान और इज्जत का द्योतक होता है । पाठ में भी भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की नाकों को जॉर्ज पंचम की नाक से बड़ा बताया गया है । इसका तात्पर्य यह है कि भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान के समक्ष जॉर्ज पंचम के सम्मान की कोई अहमियत नहीं थी । यहाँ तक कि बच्चों की नाक भी जॉर्ज पंचम की नाक से बड़ी थी अर्थात उसकी इज्जत बच्चों से भी कम ही थी । इस प्रसंग के माध्यम से लेखक ने व्यंग्य किया है । 

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