Nibandh on : bhartiya udyog dhande(200 words) {Its very important}
मित्र हम आपको इस विषय पर आरंभ करके दे रहे हैं। इसे स्वयं विस्तारपूर्वक लिखिए-
आज़ादी से पूर्व भारत में दस्तकारियों का कार्य पहले बहुत उन्नत और विकसित हुआ करता था। यहाँ पर कपड़ा उद्योग, आभूषण उद्योग, मसाला उद्योग, कालीन, साड़ी उद्योग आदि थे, जो बहुत प्रसिद्ध थे। देश-विदेशों तक इनकी पूछ थी। परन्तु अंग्रेज़ों ने इन्हें समाप्त करवा दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि सारे घरेलू उद्योग समाप्त हो गए। ऐसे उद्योग धंधे पतन की कगार पर थे। आज़ाद भारत में इन्हें दोबारा से खड़े करने का प्रयास किया गया। सरकार इन्हें सहायता देने का प्रयास किया। आज यह पुनः अपने पैरों पर खड़े हैं।...........................
आज़ादी से पूर्व भारत में दस्तकारियों का कार्य पहले बहुत उन्नत और विकसित हुआ करता था। यहाँ पर कपड़ा उद्योग, आभूषण उद्योग, मसाला उद्योग, कालीन, साड़ी उद्योग आदि थे, जो बहुत प्रसिद्ध थे। देश-विदेशों तक इनकी पूछ थी। परन्तु अंग्रेज़ों ने इन्हें समाप्त करवा दिया। इसका परिणाम यह हुआ कि सारे घरेलू उद्योग समाप्त हो गए। ऐसे उद्योग धंधे पतन की कगार पर थे। आज़ाद भारत में इन्हें दोबारा से खड़े करने का प्रयास किया गया। सरकार इन्हें सहायता देने का प्रयास किया। आज यह पुनः अपने पैरों पर खड़े हैं।...........................