lekhak aur uske Sathi dakuon ko Dekhte hi Kuchi Kuchi Kyon karne lage
उत्तर -
लेखक ल्हासा एक भिखमंगे के वेश में गए थे। उन्हें इस वेश में होते हुए अपने साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने का कोई भय नहीं था। वे डाकुओं से बचने के लिए इसका प्रयोग करते थे। उन्हें यदि कहीं इस प्रकार का खतरा महसूस भी होता तो वह अपनी टोपी उतारकर जीभ निकाल "कुची कुची (दया-दया) एक पैसा" कहने लगते।
लेखक ल्हासा एक भिखमंगे के वेश में गए थे। उन्हें इस वेश में होते हुए अपने साथ किसी भी प्रकार की दुर्घटना होने का कोई भय नहीं था। वे डाकुओं से बचने के लिए इसका प्रयोग करते थे। उन्हें यदि कहीं इस प्रकार का खतरा महसूस भी होता तो वह अपनी टोपी उतारकर जीभ निकाल "कुची कुची (दया-दया) एक पैसा" कहने लगते।