इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों ?

इस कहानी का शीर्षक 'जीवन का सच्चा सुख' अधिक युक्तिपूर्ण प्रतीत होता है क्योंकि यहाँ जीवन के सुख को लेकर दो विचारों की टकराहट है। एक तरफ जहाँ धनी सेठ के लिए धन-दौलत, सुख सुविधाएँ ही जीवन की खुशी तथा वास्तविकता है। वहीं दूसरी ओर नन्ही चिड़िया के लिए माँ अमूल्य रत्न से भी अधिक मूल्यवान है।

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