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मित्र

कभी गहरे बादलकभी तेज़ वर्षा और तालाबों से उठता धुआँ − यहाँ वर्षा ऋतु में पल-पल प्रकृति वेश बदल जाता है। यह सब दृश्य देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि जैसे बादलों के विमान में विराजमान राजा इन्द्र विभिन्न प्रकार के जादुई खेल-खेल रहे हों। वर्षा ऋतु में कभी-कभी इन्द्रधनुष का मनोरम दृश्य दिख जाता है। ऐसा लगता है इंद्र भगवान ने रंगों की छठा बिखेर दी। वर्षा ऋतु में यही इंद्रदेव की जादूगरी है।

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