Select Board & Class

Login

विराम चिह्न

विराम चिह्न की परिभाषा

जब बोलते व पढ़ते समय अपनी बात को ठीक से कहने के लिए हम स्थान-स्थान पर रुकते हैं, उस रुकने की प्रक्रिया को व्याकरण की भाषा में विराम कहा जाता है। लिखते समय रोकने के स्थानों की स्पष्टता के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें हम विराम-चिह्न कहते हैं। विराम- चिह्नों के सही प्रयोग से स्पष्टता आती है। यदि इन चिह्नों का सही प्रकार से प्रयोग न किया जाए तो कई समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।

जैसे - कमलेश ने कहा ''सुधा गाते समय रुको, मत गाओ'' परन्तु कमलेश कहना ये चाहता था (सुधा गाते समय रुको मत, गाओ)

परिभाषा - 'विराम' शब्द का अर्थ रुकना, जब हम अपने भावों को भाषा के द्वारा व्यक्त करते हैं, तब एक की अभिव्यक्ति के बाद कुछ देर रुकते हैं, यह रुकना विराम कहलाता है और इस विराम को दर्शाने वाले चिह्न विराम चिह्न कहलाते हैं।

जब बोलते व पढ़ते समय अपनी बात को ठीक से कहने के लिए हम स्थान-स्थान पर रुकते हैं, उस रुकने की प्रक्रिया को व्याकरण की भाषा में विराम कहा जाता है। लिखते समय रोकने के स्थानों की स्पष्टता के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें हम विराम-चिह्न कहते हैं। विराम- चिह्नों के सही प्रयोग से स्पष्टता आती है। यदि इन चिह्नों का सही प्रकार से प्रयोग न किया जाए तो कई समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं।

जैसे - कमलेश ने कहा ''सुधा गाते समय रुको, मत गाओ'' परन्तु कमलेश कहना ये चाहता था (सुधा गाते समय रुको मत, गाओ)

परिभाषा - 'विराम' शब्द का अर्थ रुकना, जब हम अपने भावों को भाषा के द्वारा व्यक्त करते हैं, तब एक की अभिव्यक्ति के बाद कुछ देर रुकते हैं, यह रुकना विराम कहलाता है और इस विराम को दर्शाने वाले चिह्न विराम चिह्न कहलाते हैं।

जब बोलते व पढ़ते समय अपनी बात को ठीक से कहने के लिए स्थान-स्थान पर रुकते हैं, उस रुकने की प्रक्रिया को व्याकरण की भाषा में विराम कहा जाता है। लिखते समय रोकने के स्थानों की स्पष्टता के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग किया जाता है, उन्हें हम विराम-चिह्न कहते हैं। विराम चिह्नों के सही प्रयोग से स्पष्टता आती है। यदि इन चिह्नों का सही प्रकार से प्रयोग न किए जाएँ तो कई समस्याएँ उत्पन्न हो जाती हैं;

जैसे - कमलेश ने कहा ''सुधा गाते समय रुको, मत गाओ'' परन्तु कमलेश कहना ये चाहता था (सुधा गाते समय रुको मत, गाओ)

परिभाषा - 'विराम' शब्द का अर्थ रुकना, जब हम अपने भावों को भाषा के द्वारा व्यक्त करते हैं, तब एक की अभिव्यक्ति के बाद कुछ देर रुकते हैं, यह रुकना विराम कहलाता है और इस विराम को दर्शाने वाले चिह्न विराम चिह्न कहलाते हैं।

(1) प्रश्नवाचक चिह्न (?)- प्रश्न वाले वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक चिह्न का प्रयोग करते हैं -

(i) तुम कहाँ जा रहे हो?

(ii) किधर से आ रहे हो?

(iii) क्या ये तुम्हारी घड़ी है?

(2) विस्मायादिबोधक चिह्न(!) - भय, हर्ष, शोक, विस्मय आदि भावों को प्रकट करने वाले शब्दों के अंत में इसका प्रयोग होता है; जैसे -

(i) वाह! आज तुम हमारे घर आए।

(ii) अरे! आज यहाँ कैसे।

(3) पूर्णविराम () - जहाँ वाक्य का अंत (पूर्ण) हो जाता है, वहाँ पूर्ण विराम चिह्न का प्रयोग किया जाता है; जैसे -

(i) राम खाना खा रहा था।

(ii) सोनिया घर जा रही है। ​

(iii) वह माला तोड़ता है।

(4) लाघव चिह्न () - जहाँ पूरा शब्द न लिखकर संक्षिप्त रुप लिखकर उसके आगे इसका प्रयोग होता है; जैसे -

डा डाक्टर

पंपंडित

प्रोप्रोफेसर

जब बोलते व पढ़ते समय अपनी बात को ठीक से कहने के लिए स्थान-स्थान पर रुकते हैं, उस रुकने की प्रक्रिया को व्या…

To view the complete topic, please

What are you looking for?

Syllabus