Board Paper of Class 10 2009 Hindi (SET 2) - Solutions
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।
- Question 1
निम्नलिखित काव्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
मनमोहिनी प्रकृति की गोद में बसा है।
सुख स्वर्ग-सा जहाँ है वह देश कौन-सा है?
जिसके चरण निरंतर रत्नेश धो रहा है,
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कौन-सा है?
नदियाँ जहाँ सुधा की धारा बहा रही हैं
सींचा हुआ सलोना वह देश कौन-सा है?
जिसके बड़े रसीले फल-कंद-नाज मेवे,
सब अंग में सजे हैं, वह देश कौन-सा है?
जिसमें सुगंध वाले सुंदर प्रसून प्यारे,
दिन-रात हँस रहे हैं, वह देश कौन-सा है?
मैदान-गिरि-वनों में हरियालियाँ लहकतीं,
आनंदमय जहाँ है, वह देश कौन-सा है?
जिसके अनंत धन से धरती भरी पड़ी है,
संसार का शिरोमणि, वह देश कौन-सा है?
सबसे प्रथम जगत् में जो सभ्य था यशस्वी,
जगदीश का दुलारा, वह देश कौन-सा है?
पृथ्वी-निवासियों को जिसने प्रथम जगाया,
शिक्षित किया, सुधारा, वह देश कौन-सा है?
जिसमें हुए अलौकिक तत्त्वज्ञ ब्रह्मज्ञानी,
गौतम, कपिल, पतंजलि वह देश कौन-सा है?
(i) कविता का उपयुक्त शीर्षक दीजिए। (1)
(ii) कवि ने एक ही प्रश्न बार-बार क्यों पूछा है? (2)
(iii) सागर और हिमालय की किस रूप में कल्पना की गई है? (1)
(iv) िन पंक्तियों में कहा गया है कि भारत की सभ्यता सबसे प्राचीन है? (1)
(v) भारत की नदियों को सुधा की धारा क्यों कहा गया है? (2)
(vi) 'अनंत धन' से कवि का क्या आशय है? (1)
अथवा
ऐ अमरों की जननी, तुमझको शत-शत बार प्रणाम
मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!
तेरे उर में शायित गाँधी, बुद्ध, कृष्ण औ राम,
मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम!
हिमगिरि-सा उन्नत तव मस्तक
तेरे चरण चूमता सागर,
श्वासों में हैं वेद-ऋचाएँ
वाणी में है गीता का स्वर,
ऐ संसृति की आदि तपस्विनि, तेजस्विनि अभिराम।
मातृ-भू, शत-शत बार प्रणाम।
हरे-भरे हैं खेत सुहाने
फल-फूलों से युत वन-उपवन
तेरे अदंर भरा हुआ है
खनिजों का कितना व्यापक धन
मुक्तहस्त तू बाँट रही है सुख-संपति, धन-धाम!
प्रेम-दया का इष्ट लिए तू
सत्य-अहिंसा तेरा संयम
नई चेतना, नई स्फूर्ति-युत
तुझमें चिर-विकास का है क्रम
चिर नवीन तू जरा-मरण से मुक्त सबल उद्याम।
एक हाथ में न्याय-पताका
ज्ञान-दीप दूसरे हाथ में
जग का रूप बदल दे, हे माँ!
कोटि-कोटि हम आज साथ में
गूँज उठे 'जय हिन्द' नाद से सकल नगर औ ग्राम।
मातृ-भू, शत-शत पर प्रणाम।।
(i) प्रस्तुत कविता का उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)
(ii) खेत और उपवनों की क्या विशेषता है? (1)
(iii) न्याय और ज्ञान की बात किन पंक्तियों में कही गई है? (1)
(iv) 'कोटि-कोटि हम साथ में' का भाव स्पष्ट कीजिए? (1)
(v) कविता का मूल भाव लिखिए। (2)
(vi) सागर और हिमालय की किस रूप में कल्पना की गई है? (1)
(vii) कविता में गाँधी जी के किन सिद्धान्तों का उल्लेख हुआ है? (1)
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- Question 2
निम्नलिखित गद्यांश को ध्यान पूर्वक पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
इस संसार को कर्मक्षेत्र कहा गया है। सारी सृष्टि कर्मरत है। छोटे से छोटा प्राणी भी कर्म का शाश्वत सन्देश दे रहा है। प्रकृति के साम्राज्य में कहीं भी अकर्मण्यता के दर्शन नहीं हो रहे हैं। सूर्य, चन्द्र, पृथ्वी, ग्रह-नक्षत्रादि निरंतर गतिशील हैं। नियमानुकूल सूर्योदय होता है और सूर्यास्त तक किरणें प्रकाश बिखेरती रहती हैं। रात्रिकालीन आकाश में तारावली तथा नक्षत्रावली का सौंदर्य विहँस उठता है। क्रमश: बढ़ती-घटती चन्द्रकला के दर्शन होते हैं। इसी तरह विभिन्न ऋतुओं का चक्र अपनी धुरी पर चलता रहता है। नदियाँ अविरल गति से बहती रहती हैं। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सबके जीवन में सक्रियता है। वस्तुत: कर्म से परे जीवन का कोई उद्देश्य नहीं है।
मनुष्य का जन्म पाकर हाथ-पैर तो हिलाने ही होंगे। हमारे प्राचीन ऋषियों ने शतायु होने की किन्तु कर्म करते हुए जीने की इच्छा प्रकट की थी। इतिहास साक्षी है कि कितने ही भारतीय युवकों ने कर्मशक्ति के बल पर चन्द्रगुप्त की भाँति शक्तिशाली साम्राज्यों की स्थापना की। आधुनिक युग में भारत जैसे विशाल जनतंत्र की स्थापना करने वाले गाँधी, नेहरू, पटेल आदि कर्मपथ पर दृढ़ता के ही प्रतिरूप थे। दूसरी ओर इतिहास उन सम्राटों को भी रेखांकित करता है जिनकी अकर्मण्यता के कारण महान् साम्राज्य नष्ट हो गए। वेद, उपनिषद् कुरान, बाइबिल आदि सारे धर्मग्रंथ कर्मठ मनीषियों की ही उपलब्धियाँ हैं। आधुनिक ज्ञान-विज्ञान की गौरव-गरिमा उन वैज्ञानिकों की देन है जिन्होंने साधना की बलि-वेदी पर अपनी हर साँस समर्पित कर दी। विज्ञान कर्म का साक्षात् प्रतीक है। सुख-समृद्धि के शिखर पर आसीन प्रत्येक व्यक्ति जाति कर्म शक्ति का परिचय देती है।(i) गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए। (1)
(ii) कर्म का संदेश निरंतर हमें किनसे मिल रहा है? (1)
(iii) प्रकृति की कौन-सी अन्य वस्तुएँ हैं जिनसे सक्रियता का सन्देश मिलता है? (1)
(iv) ऋषियों ने सौ वर्ष का कैसा जीवन चाहा था? (1)
(v) कर्म के बल पर किन साम्राज्यों की स्थापना हुई? (1)
(vi) भारत जैसे विशाल जनतंत्र की स्थापना किस बल पर की गई? (1)
(vii) अकर्मण्यता के क्या परिणाम होते हैं? (1)
(viii) धर्मग्रंथों को कर्मठ व्यक्तियों की उपलब्धि क्यों कहा गया है? (1)
(ix) विज्ञान कर्म का प्रतीक कैसे है? (1)
(x) सक्रियता और विशाल का विपरीतार्थक लिखिए। (1)
(xi) चन्द्र और पृथ्वी के दो-दो पर्यायवाची लिखिए। (2)
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- Question 3
निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर 100 शब्दों में एक अनुच्छेद लिखिए।
(क) पुस्तक मेले में अधूरी खरीदारी
(i) मेले में
(ii) रूचि की पुस्तकें
(iii) मूल्य अधिक, बजट कम
(ख) शिक्षक दिवस पर मेरी भूमिका
(i)भूमिका क्या थी
(ii) कैसे निभाई
(iii) प्रभाव और परिणाम
(ग) दुर्लभ होता है अच्छा मित्र
(i)अच्छा मित्र कौन
(ii)क्यों होता है दुर्लभ
(iii)कैसे करें चुनाव
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- Question 4
आपसे अपने बचत खाते की चेक-बुक खो गई है। इस सम्बन्ध में तत्काल उचित कार्यवाही करने के लिए निवेदन करेत हुए बैंक-प्रबंधक को पत्र लिखिए।
अथवा
पढ़ाई का सत्र आरम्भ हो चुका है किन्तु बाज़ार मे पाठय पुस्तकें उपलब्ध नहीं हैं। इस समस्या को उठाते हुए किसी दैनिक पत्र के संपादक को पत्र लिखिए।
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- Question 5
(क) शब्द और पद में क्या अतंर है? उदाहरण सहित लिखिए। (1)
(ख) रेखांकित पदों का पद परिचय दीजिए – (2)
मेरे गाँव में कई विद्वान रहते हैं।
(ग) नीचे दिए गए वाक्य में रेखांकित पदबंध का नाम बताइए – (1)
वह बहुत ज़ोर से बोलता है।
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- Question 6
(क) रचना के अनुसार वाक्य भेद बताइए – (2)
(i) तुम वहाँ जा सकते हो जहाँ वह रहता है।
(ii) उसने अपना काम कर लिया और घर चला गया।
(ख) निर्देशानुसार रूपांतरण कीजिए (2)
(i) वे यहाँ से जाकर भाषण देने लगे। (संयुक्त वाक्य में)
(ii) विदेश में रहने वाला मेरा भाई अब यहाँ नहीं आएगा। (मिश्र वाक्य में)
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- Question 7
निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –
(क) सहोदर, तथैव (सन्धिच्छेद कीजिए) (1)
(ख) महा + आनन्द, सूर्य + उदय (सन्धि कीजि) (1)
(ग) प्रतिवर्ष, धनहीन (समस्त पदों का विग्रह कीजिए) (1)
(घ) उसके भाई-बहन छमाही में पास हो गए। (रेखांकित पदों के समास का नाम लिखिए) (1)
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- Question 8
(क) दिए गए मुहावरों तथा लोकोक्तियों में से एक मुहावरा और एक लोकोक्ति का प्रयोग वाक्य में इस प्रकार कीजिए कि अर्थ स्पष्ट हो जाए – (2)
(i) तूती बोलना
(ii) मान न मान मैं तेरा मेहमान
(iii) चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात
(iv) आग में घी डालना
(ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरा और लोकोक्ति द्वारा कीजिए – (2)
(i) आजकल ऐसे आश्चर्यजनक समाचार सुनने को मिलते हैं कि दाँतों ................ रह जाना पड़ता है।
(ii) भाई की दुर्घटना का समाचार सुनकर उसके चेहरे पर ......................... लगीं।
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- Question 9
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए –
(क) हमारा लक्ष्य ज्ञान प्राप्ति होनी चाहिए।
(ख) कमरे में पिताजी और माताजी बैठी हैं।
(ग) उस बगीचे में सुगंधित फूलें हैं।
(घ) एसे सज्जन व्यक्ति कहाँ मिलेंगे!
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- Question 10
निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
उनका दृढ़ मन्तव्य था कि दर्शकों की रूचि की आड़ में हमें उथलेपन को उन पर नहीं थोपना चाहिए। कलाकार का यह कर्त्तव्य भी है कि वह उपभोक्ता की रूचियों का परिष्कार करने का प्रयत्न करे। और उनका यक़ीन गलत नहीं था। यही नहीं, वे बहुत अच्छे गीत भी, जो उन्होंने लिखे, बेहद लोकप्रिय हुए। शैलेन्द्र ने झूठे आभिजात्य को कभी नहीं अपनाया। उनके गीत भाव-प्रवण थे –दुरूह नहीं। 'मेरा जूता है जापानी, ये पतलून इंगलिस्तानी, सर पे लाल टोपी रूसी, फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी' –यह गीत शैलेन्द्र ही लिख सकते थे। शांत नदी का प्रवाह और समुद्र की गहराई लिए हुए। यही विशेषता उनकी ज़िंदगी की थी और यही उन्होंने अपनी फ़िल्म के द्वारा भी साबित किया था।(क) फिल्मकार प्राय: अपनी फिल्मों में उथली चीज़ें क्यों देते हैं? (1)
(ख) कलाकार उपभोक्ता की रूचियों का परिष्कार कैसे कर सकता है? (2)
(ग) क्यों कहा गया है –यह गीत शैलेन्द्र ही लिख सकते थे? (2)
(घ) अपनी फिल्मों द्वारा शैलेन्द्र ने क्या सिद्ध करने का प्रयास किया? (1)
अथवा
दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धार्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव-जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था, अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे। अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गर्मी में ज़्यादा गर्मी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग, मानव और प्रकति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं।
(क) 'दुनिया कैसे वजूद में आई?' इस प्रश्न का उत्तर वैज्ञानिक और धर्मग्रन्थ कैसे देते हैं? (2)
(ख) 'धरती किसी एक की नही' –कथन का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)
(ग) बढ़ती हुई आबादी के क्या परिणाम दिखाई पड़ रहे हैं? (2)
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- Question 11
निम्नलिखित काव्याशों में से किसी एक को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
केवल इतना रखना अनुनय–
वहन कर सकूँ इसको निर्भय!
नतशिर होकर सुख के दिन में
तव मुख पहचानूँ छिन-छिन में।
दु:ख रात्रि में करे वंचना मेरी जिस दिन निखिल मही
उस दिन ऐसा हो करूणामय,तुम पर करूँ नहीं कुछ संशय।
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)
(ख) कवि के अनुसार दु:खों में सारे लोग उससे कैसा व्यवहार करेंगे? (1)
(ग) 'तव मुख पहचानूँ छिन-छिन' से कवि का क्या तात्पर्य है? (2)
(घ) कवि करूणामय पर संशय क्यों नहीं करना चाहता है? (2)
अथवायुग-युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल,
प्रियतम का पथ आलोकित कर।
सौरभ फैला विपुल धूप बन
मृदुल मोम-सा घुल रे मृदु तन!
दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित
तेरे जीवन का अणु गल-गल!
पुलक-पुलक मेरे दीपक जल!
(क) कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)
(ख) दीपक प्रकाश का असीम सागर कैसे दे सकता है? (1)
(ग) प्रयितम के लिए क्या-क्या करने का आग्रह दीपक से किया गया है? (2)
(घ) भाव स्पष्ट कीजिए: (2)
मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन!
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- Question 12
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) मीराबाई ने श्री कृष्ण से अपनी पीड़ा हरने की प्रार्थना किस प्रकार की है?
(ख) 'मनुष्यता' कविता में कवि ने उदार व्यक्ति की क्या पहचान बताई है?
(ग) 'पर्वत प्रदेश में पावस' कविता में झरने पर्वत का गौरव-गान कैसे करते हैं?
(घ) 'सर हिमालय का हमने न झुकने दिया' इस पंक्ति में हिमालय किसका प्रतीक है और इससे कवि क्या कहना चाहता है?
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- Question 13
(क) बिहारी के दोहों के आधार पर ग्रीष्म ऋतु की प्रचंड गर्मी और दुपहरी का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। (3)
(ख) 'तोप' कविता के आधार पर लिखिए कि विरासत में मिली चीज़ों का महत्व क्यों होता है? (2)
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- Question 14
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
(क) येल्दीरीन ने ख्यूक्रिन को दोषी ठहराते हुए क्या कहा?
(ख) समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला?
(ग) 'पतझर में टूटी पत्तियाँ' पाठ में लेखक ने जापानियों के दिमाग में स्पीड का इंजन लगाने की बात क्यों कही?
(घ) 'वज़ीर अली एक जाँबाज सिपाही था 'कैसे? स्पष्ट कीजिए।
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- Question 15
(क) जुलूस के लाल बाज़ार आने पर लोगों की क्या दशा हुई? 'डायरी का एक पन्ना' पाठ के आधार पर लिखिए। (3)
(ख) जीवन कैसे घरों में सिमटने लगा है? 'अब कहाँ दूसरे के दुख में दुखी होने वाले' पाठ के आधार पर लिखिए। (2)
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- Question 16
निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
(क) ठाकुरबारी का लोगों के प्रति क्या दायित्व था?
(ख) हरिहर काका ने खाने की थाली बीच आँगन में क्यों फेंक दी?
(ग) क्लास में बैठने पर टोपी शुक्ला की अजीब क्यों लगता था।
(घ) मास्टर प्रीतमचंद के व्यक्तित्व और पहनावें को भयभीत करने वाला क्यों कहा गया है? 'सपनों के-से दिन' पाठ के आधार पर लिखिए।
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- Question 17
निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर पूरक पाठ्य पुस्तक संचयन के आधार पर लिखिए –
(क) हेडमास्टर साहब का विद्यार्थियों के साथ कैसा व्यवहार था? विस्तार से समझाइए।
(ख) समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? 'हरिहर काका' पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
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