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Board Paper of Class 10 2006 Hindi (SET 2) - Solutions

(i) इस प्रश्न-पत्र के चार खण्ड हैं क, ख, ग और घ।
(ii) चारों खण्डों के प्रश्नों के उत्तर देना अनिवार्य है।
(iii) यथासंभव प्रत्येक खण्ड के उत्तर क्रमश: दीजिए।


  • Question 1

    निम्नलिखित गद्यांश के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए – 

    'गोदान' में होरी की करुण मृत्यु के पश्चात् हृदय एकबारगी विदीर्ण हो गया था। 'गोदान' एक नहीं अनेक बार पढ़ा और दिल हर बार चाक-चाक हुआ। संवेदना-विचलित हृदय कहता था, "काश होरी न मरे!" हम उसे क्यों जीवित देखना चाहते थे? क्योंकि वह इतना अच्छा इंसान था। पाठक को प्रतीत होता था कि होरी की हार उसकी अपनी हार है, मानवता की हार है।

    यह एक असहनीय विडंबना प्रतीत होती थी कि निरीह होरी का शोषण करने वाली दातादीन प्रभृति जोंकें तो जीवित थीं, जबकि वह सरल, प्रेममय और धर्मभीरु इंसान वृद्धावस्था में भी गिट्टी तोड़ते-तोड़ते मर गया।

    फिर भी, एक बार मर गया तो बात खत्म हो जानी चाहिए थी। भला हो प्रेमचंद जी की धन्य लेखनी का कि बरसों तक होरी की मृत्यु सालती रही। समय के साथ-साथ वह पीड़ा हलकी होती गई, विस्मृत-सी हो गई। 'गोदान' पढ़े हुए आज लगभग 30 वर्ष हो गए, फिर भी कभी-कभी कल्पना में धनिया की वह मूर्ति साकार करुणा बन कर आँखों के सामने आ जाती है जब वह क्रूर पंडित की हथेली पर सुतली कात कर मिले पैसे रख देती है और "महाराज, यही है इनका गोदान" कह कर पछाड़ खाकर गिर जाती है। होरी तो जीवन से छुटकारा पा गया किंतु क्या हम होरी से छुटकारा पा सके?

    भारत की क्रूर नौकरशाही को होरी को एक बार मृत्यु के मुख ढकेल कर संतोष नहीं हुआ। आश्चर्य की बात है कि भारत में होरी रोज़-रोज़ मर रहा है, रक्तबीज की तरह शत-सहस्र रुप धारण करके मर रहा है। आपको विश्वास न हो तो अखबार को ज़रा आँख खोल कर पढ़िए तो आपको पन्ने-पन्ने पर होरी मरते हुए दिखाई देंगे। मैं विदर्भ की बात लेती हूँ। इस क्षेत्र में जून 2005 से अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक 1000 किसानों ने आत्महत्या की। महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और आंध्रप्रदेश के आँकड़े भी कमोबेश इतने ही दर्द भरे और शर्मनाक हैं। इस बार विदर्भ के गाँवों में अँधेरी दीपावली न हुई। भोजन जुटाने का साधन न हो, कर्ज़ चुकाने की हैसियत न हो, बच्चों की सिसकती आँखें दो रोटी नहीं, बस दो टुकड़े माँगती हों, तब कैसी दीवाली, कैसा त्यौहार?

    प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने विदर्भ के किसानों के लिए हज़ारों-करोड़ों के अनुदान का घोष किया। उसके बाद से 20 अक्टूबर तक 392 किसानों ने आत्महत्या की। सभी जानते हैं कि सरकारी सहायता का अधिकाँश घूसखोर अफ़सरों की जेबों में पहुँचता है। साथ ही ये नौकरशाह सहायता-वितरण का अतिरिक्त कार्यभार क्यों उठाएँ, जबकि वे काम करें या न करें, उनका वेतन-भत्ता, सुविधाएँ संविधान द्वारा सुरक्षित हैं। कुछ वर्ष पूर्व उड़ीसा में आए चक्रवात में देश के सहृदय नागरिकों द्वारा भेजी गई सहायता सामग्री के ट्रक के ट्रक इन सरकारी नौकरों ने अपने उपयोग में आने वाली वस्तुएँ निकाल कर, शेष सामग्री को वितरण के सिरदर्द से बचने के लिए, नदियों के तलों में द़फन कर दिया था। क्या सरकारी नौकरी में आते ही अधिकांश व्यक्तियों की संवेदना तथा नैतिकता मर जाती है? 14 दिसंबर 2006 के डेकेन क्रॉनिकल में नैशनल एग्रीकल्चरल कुऑपरेटिव मार्केटिंग फ़ैडरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा किए गए घोटालों का उल्लेख है जिन्होंने एम.एफ.हुसैन का एक चित्र 100 करोड़ रुपयों में खरीदा है। सेना को मनुष्यों के खाने के अयोग्य दाल बेची है। लेख के अनुसार भ्रष्ट अफ़सरों ने हज़ारों करोड़ रुपयों की संपत्ति बना ली है। सहस्रों किसान आत्महत्या करते रहें, किंतु इन भ्रष्ट अधिकारियों की धन-लिप्सा में कोई कमी नहीं आती।

    विदर्भ जन आंदोलन समिति का कहना है कि इस वर्ष की खरीफ़ फसल के बाद स्थिति पिछले वर्ष से अधिक बिगड़ गई है। गत वर्ष 1 जून से 20 अक्टूबर तक विदर्भ के केवल 91 किसानों ने आत्महत्या की थी जबकि इस वर्ष इतने ही समय में 460 किसानों ने आत्महत्या की। सरकार ने कपास के लिए जो कीमत निर्धारित की है उससे स्थिति और भी बिगड़ गई है। 1971 में एक किसान एक क्विंटल कपास की बिक्री के द्वारा एक तोला सोना खरीद सकता था, इसी कारण कपास को सफ़ेद सोना कहा जाता था। आज एक क्विंटल कपास बेच कर मात्र एक चौथाई तोला सोना खरीदा जा सकता है; अर्थात विगत 35 वर्षों में कपास के किसानों की आय घट कर एक चौथाई रह गई है।

    इस विंडबना का मूल वही है जो होरी के काल में था–कर्ज़ और कर्ज़ पर सूद की 400-500 प्रतिशत दर। जी हाँ, आज भारतीय गाँवों में ब्याज की दरे इतनी अधिक हैं कि आज के खटमल महाजन दातादीन प्रभृति प्रेमचंद कालीन सूदखोरों को बहुत पीछे छोड़ देते हैं। मेरे एक संबंधी बहुत सच्चे समाजसेवी हैं। वे 500 गाँवों के निवासियों को सूदखोरों के चंगुल से मुक्त कराने में एक बड़ी सीमा तक सफल हुए हैं। उन्होंने चक्रवर्ती ब्याज के जो आँकड़े मुझे सुनाए उन्हें सुन कर दिल सकते में आ गया। हाय, मुहम्मद यूनूस सदृश व्यक्ति भारत के गाँव-गाँव में क्यों नहीं है?

    पंजाब को ही लें। अकाली दल के नेता कह रहे हैं कि पंजाब के किसानों के ऊपर 35,000 करोड़ ऋण है जबकि भूतपूर्व मुख्यमंत्री अमरेंद्र सिंह के अनुसार ऋण केवल 25,000 करोड़ है। यह स्थिति तो जब है कि सरकार 8 रुपए यूनिट की दर से बिजली खरीद कर किसानों को पंप चलाने के लिए मुफ़्त दे रही है। स्थिति इतनी पेचीदा है कि किसी एक सुधार द्वारा स्थिति को सुधारा नहीं जा सकता। सूदखोरों को सूद का लालच, सरकार को वोट का लालच, किसानों को अति लाभ का लालच–परिणति है निराशा और मृत्यु। हाँ, आज गाँव-गाँव में सहस्रों होरी मर रहे हैं।

    (i) लेखिका क्यों चाहती थी कि होरी की मृत्यु न हो? (2)

    (ii) लेखिका की आँखों के सामने धनिया का रुप बार-बार क्यों उभरता है? (2)

    (iii) इस बार विदर्भ के गाँवों में दीपावली क्यों फीकी रही? (2)

    (iv) निर्धनों को दी गई सरकारी सहायता के बावजूद उनकी स्थिति में परिवर्तन क्यों नहीं होता? (2)

    (v) उपरोक्त गद्यांश का शीर्षक लिखिए? (2)

    (vi) 'विडंबना' और 'धर्मभीरु' शब्दों को अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए? (2)

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  • Question 2

    निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –
    उसके बाद सर्दियाँ आ जायेंगी।
    और मैंने देखा है कि सर्दियाँ जब भी आती हैं
    तो माँ थोड़ा और झुक जाती है
    अपनी परछाई की तरफ
    ऊन के बारे में उसके विचार
    बहुत सख्त हैं
    मृत्यु के बारे में बेहत कोमल
    पक्षियों के बारे में
    वह कभी कुछ नहीं कहती
    हालाँकि नींद में
    जब वह बहुत ज़्यादा थक जाती है
    तो उठा लेती है सुई और तागा
    मैंने देखा है कि जब सब सो जाते हैं
    तो सुई चलाने वाले उसके हाथ
    देर रात तक
    समय को धीरे-धीरे सिलते हैं
    जैसे वह मेरा फटा हुआ कुर्ता हो
    पिछले साठ बरसों से
    एक सुई और तागे के बीच
    दबी हुई है माँ
    हालाँकि वह खुद एक करघा है
    जिस पर साठ बरस बुने गये हैं
    धीरे-धीरे तह पर तह
    खूब मोटे और गझिन और खुरदरे
    साठ बरस

    (i) जब माँ थक जाती है तो वह क्या करती है? (2)

    (ii) 'खूब मोटे और गझिन और खुरदरे साठ बरस' का आशय स्पष्ट कीजिए? (2)

    (iii) 'सर्दियाँ जब भी आती हैं तो माँ थोड़ा और झुक जाती है' पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    (iv) उपरोक्त पंक्तियों के आधार पर माँ की स्थिति का वर्णन कीजिए। (2)

    अथवा

    मुहल्ले में वह शांति बेचता है
    लाउडस्पीकरों की
    एक दुकान है उसकी
    मेरे घर से बिल्कुल लगी हुई।
    सुबह-सुबह मुँह अंधेरे दो घंटे
    लाउडस्पीकर न बजाने के
    वह मुझसे सौ रुपये महीने लेता है
    वह जानता है कि मैं
    उन अभागों में से हूँ
    जो शांति के बिना
    जीवित नहीं रह सकते।
    वह जानता है कि आने वाले वक्तों में
    साफ पानी और साफ हवा से भी ज़्यादा
    शांति की किल्लत रहेगी।
    वह जानता है
    कि क्रांति के ज़माने अब लद चुके :
    अब उसे अपना पेट पालने के लिए
    शांति का धंधा अपनाना है।
    मैं उसका आभारी हूँ
    भारत जैसे देश में जहाँ कीमतें आसमान
    छू रहीं
    सौ रुपए महीने की दर से
    अगर दो घंटा रोज़ भी शांति मिल सके
    तो महँगी नहीं।

    (i) इस कविता में कवि ने स्वयं को अभागा क्यों कहा है? (2)

    (ii) इस कविता में कवि व्यापारी को किस लिए सौ रुपए महीना देता है? (2)

    (iii) आने वाले समय में साफ पानी और साफ हवा की अपेक्षा किस वस्तु की अधिक कमी रहेगी? (2)

    (iv) 'क्रान्ति के ज़माने अब लद चुके' का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

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  • Question 3

    अपनी योग्यताओं का विवरण देते हुए, अपने ज़िले के बेसिक शिक्षा अधिकारी को प्राथमिक शिक्षक के पद के लिए आवेदन-पत्र लिखिए। 5

    अथवा

    कावेरी छात्रावास के अधीक्षक को अनुराधा की ओर से पत्र लिखकर, छात्रावास की भोजनशाला के निरंतर गिरते स्तर की ओर उनका ध्यान आकृष्ट कीजिए।

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  • Question 4

    दिए गए संकेत-बिन्दुओं के आधार पर किसी एक विषय पर लगभग 100 शब्दों में अनुच्छेद लिखिए – 

    (क) छात्र और शिक्षक (घर, प्रारम्भिक पाठशाला, शिक्षक का दायित्व, छात्र का दायित्व)

    (ख) किसी प्राकृतिक स्थल की यात्रा (प्रकृति और मनुष्य का सम्बन्ध, कहाँ की यात्रा की, प्राकृतिक सौन्दर्य का वर्णन)

    (ग) दैव-दैव आलसी पुकारा (आलसी व्यक्ति ही भाग्य का सहारा लेता है। भाग्यवादी निकम्मा होता है। आलसी व्यक्ति निराश, उदासीन और पराश्रित रहता है।)

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  • Question 5

    नीचे दिए गए वाक्यों के रेखांकित पदबन्ध का प्रकार बताइए –

    1. यह लड़की रोज़ ही किसी नए लड़के के साथ घूमती दिखाई देती है

    2. यह कुतिया तीन टांगों के बल रेंगती चली आ रही है।

    3. पीली कमीज़ वाला लड़का बड़ा होकर अवश्य ही नेता बनेगा।

    4. तताँरा को देखकर वह फूट-फूट कर रोने लगी।

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  • Question 6

    निर्देशानुसार उत्तर लिखिए – (1 + 1 + 1 + 1)

    1. मल्लिका शहरावत को देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि 'नारी तुम केवल श्रद्धा हो'। (वाक्य प्रकार बताइए)

    2. लज्जा नारी का आभूषण है और राखी सावन्त को आभूषण पहनना पसन्द नहीं है। (वाक्य प्रकार बताइए)

    3. बारिश में भीगने के भय से वह रेन-सूट साथ लेकर आया था। (मिश्र वाक्य में बदलिए)

    4. वह गाँव गया। वह अपनी पत्नी को वहाँ से ले आया। (संयुक्त वाक्य में बदलिए)

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  • Question 7

    निर्देशानुसार उत्तर लिखिए –

    1. चन्द्र + उदय (सन्धि करें) (1/2)

    2. नाविक (सन्धि विच्छेद करें) (1/2)

    3. नर-नारी (विग्रह कर समास का नाम लिखिए) (1/2)

    4. वह आजीवन मेरा साथ निभाएगी। (रेखांकित पद के समास का प्रकार बताएँ) (1/2)

    5. आसेतु (उपसर्ग और मूल शब्द अलग करें) (1/2)

    6. 'आ' (उपसर्ग से एक शब्द बनाएँ) (1/2)

    7. लुहारिन (मूल शब्द और प्रत्यय अलग करें) (1/2)

    8. 'मान' (प्रत्यय से एक शब्द बनाएँ) (1/2)

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  • Question 8

    (क) दिए गए मुहावरों अथवा लोकोक्तियों में से किन्हीं दो को इस प्रकार वाक्यों में प्रयोग करें कि उनका अर्थ स्पष्ट हो जाए – (2)

    1. सुध-बुध खोना

    2. आधा तीतर आधा बटेर लगना

    3. नौ दिन चले अढ़ाई कोस

    4. मान न मान मैं तेरा मेहमान

    (ख) रिक्त स्थानों की पूर्ति उपयुक्त मुहावरे/लोकोक्ति द्वारा कीजिए – (2)

    1. राखी सावन्त ने जब नच बलिए में एक नर्तक और नर्तकी को मीका के जन्मदिन पर हुई घटना को नृत्य द्वारा प्रस्तुत करते देखा तो वह ................. हो गई।

    2. रीना ने जब से मॉडलिंग शुरू की है तब से उसके ....................।

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  • Question 9

    1. निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए – (2)

     सूर्य, रात्रि, पुत्री, हाथी

    2. निम्नलिखित में से किन्हीं दो शब्दों के विलोम लिखिए – (1)

     विद्वान, राजा, धनी, उदार

    3. निम्नलिखित में से किसी एक शब्द से दो अलग-अलग अर्थ देनेवाले वाक्य बनाइए – (1)

     बाट, जल

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  • Question 10

    निम्नलिखित काव्यांशों में से किसी एक के नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
    (क) सहानुभूति चाहिए, महाविभूति है यही;
    वशीकृत सदैव है बनी हुई स्वयं मही।
    विरुद्धवाद बुद्ध का दया-प्रवाह में बहा,
    विनीत लोकवर्ग क्या न सामने झुका रहा?
    अहा! वही उदार है परोपकार जो करे,
    वही मनुष्य है कि जो मनुष्य के लिए मरे।।

    1. कवि और कविता का नाम लिखिए। (1)

    2. कवि किसे महाविभूति मानता है? (1)

    3. कवि किसे मनुष्य की संज्ञा देता है? (2)

    4. धरती को वश में करने के लिए कौन-सा गुण आवश्यक है? (2)

    अथवा

    (ख) कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढै बन माँहि।
         ऐसैं घटि घटि राम हैं, दुनियाँ देखै नाँहि।।

    1. कवि एवं कविता का नाम लिखिए। (1)

    2. प्रथम पंक्ति में किस अलंकार का प्रयोग किया गया है? (1)

    3. इस दोहे के माध्यम से कवि ने क्या सन्देश दिया है? (2)

    4. मृग कस्तूरी को कहाँ ढूँढता है? (2)

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  • Question 11

    निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)

    1. 'मधुर-मधुर मेरे दीपक जल' कविता में दीपक से किस बात का आग्रह किया गया है और क्यों?

    2. शाल के वृक्ष भयभीत होकर धरती में क्यों धँस गए?

    3. बिहारी की नायिका यह क्यों कहती है, "कहि है सब तेरो हियो, मेरे हिय की बात", स्पष्ट कीजिए।

    4. भाव स्पष्ट कीजिए –

    बिरह भुवंगम तन बसै, मन्त्र न लागै कोइ।

    राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होइ।।

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  • Question 12

    (क) कम्पनी बाग में रखी तोप क्या संदेश देती है? (3)

    (ख) 'मनुष्यता' कविता का प्रतिपाद्य लिखिए। (2)

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  • Question 13

    निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक को ध्यानपूर्वक पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए –

    (क) अभिनय के दृष्टिकोण से 'तीसरी कसम' राजकपूर की ज़िंदगी की सबसे हसीन फ़िल्म है। राजकपूर जिन्हें समीक्षक और कला-मर्मज्ञ आँखों से बात करने वाला कलाकार मानते हैं, 'तीसरी कसम' में मासूयिमत के चर्मोत्कर्ष को छूते हैं। अभिनेता राजकपूर जितनी ताकत के साथ 'तीसरी कसम' में मौजूद हैं, उतना 'जागते रहो' में भी नहीं। 'जागते रहो' में राजकपूर के अभिनय को बहुत सराहा गया था, लेकिन 'तीसरी कसम' वह फ़िल्म है जिसमें राजकपूर अभिनय नहीं करता। वह हीरामन के साथ एकाकार हो गया है। खालिस देहाती भुच्च गाड़ीवान जो सिर्फ दिल की जुबान समझता है, दिमाग की नहीं। जिसके लिए मोहब्बत के सिवा किसी दूसरी चीज़ का कोई अर्थ नहीं। बहुत बड़ी बात यह है कि 'तीसरी कसम' राजकपूर के अभिनय-जीवन का वह मुकाम है, जब वे एशिया के सबसे बड़े शोमैन के रूप में स्थापित हो चुके थे। उनका अपना व्यक्तित्व एक किंवदंती बन चुका था। लेकिन 'तीसरी कसम' में वह महिमामय व्यक्तित्व पूरी तरह हीरामन की आत्मा में उतर गया है।

    1. 'तीसरी कसम' राजकपूर के जीवन की सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म क्यों है? (2)

    2. तीसरी कसम का नायक जीवन में किस चीज़ को सबसे अधिक महत्त्व देता है? (2)

    3. ''तीसरी कसम वह फिल्म है जिसमें राजकपूर अभिनय नहीं करता'' – इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए। (2)

    अथवा

    (ख) दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिंदु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धार्मिक ग्रंथ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बारबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारें खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार के समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चुका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर को पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है, फैलते हुए प्रदूषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलाओं ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया है। अब गरमी में ज़्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के परिणाम हैं। नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई (मुंबई) में देखने को मिला था और यह नमूना इतना डरावना था कि बंबई निवासी डरकर अपने-अपने पूजा-स्थल में अपने खुदाओं से प्रार्थना करने लगे थे।

    1. लेखक के अनुसार धरती पर किस-किस का अधिकार है? (2)

    2. पहले और अब के निवास-स्थलों में क्या अन्तर दिखाई देता है? (2)

    3. मानव और प्रकृति के असंतुलन के परिणामों को स्पष्ट कीजिए। (2)

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  • Question 14

    निम्नलिखित में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर लिखिए – (3 + 3 + 3)

    1. लेखक के मित्र ने मानसिक रोगों के क्या-क्या कारण बताए हैं? क्या आप इन कारणों से सहमत हैं?

    2. कलकत्ता वासियों के लिए 26 जनवरी, 1931 का दिन क्यों महत्त्वपूर्ण था?

    3. 'तीसरी कसम' फ़िल्म को खरीददार क्यों नहीं मिल रहे थे?

    4. लेखक ने ग्वालियर से मुम्बई तक किन बदलावों को महसूस किया? 'अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले' रचना के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

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  • Question 15

    निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

    1. 'गिरगिट' कहानी के शीर्षक की सार्थकता को स्पष्ट कीजिए। (3)

    2. बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे, और क्यों? (2)

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  • Question 16

    निम्नलिखित में से किसी एक प्रश्न का उत्तर लिखिए –

    1. अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।

    2. ज़हीन होने के बावजूद भी टोपी नवीं कक्षा में दो बार फेल क्यों हो गया?

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  • Question 17

    निम्नलिखित प्रश्नों में से किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए – (2 + 2 + 2)

    1. महन्त ने हरिहर काका को किस प्रकार मूर्ख बनाने की चेष्टा की?

    2. ग्रीष्मावकाश के प्रथम दो-तीन सप्ताहों में 'सपनों के से दिन' में लेखक का क्या कार्यक्रम रहता था?

    3. 'टोपी शुक्ला' का लेखक हिंदू-मुस्लिम भाई-भाई की बात क्यों नहीं करना चाहता?

    4. टोपी ने इफ़्फ़न से दादी बदलने की बात क्यों कही?

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