Write Samvad lekhan ?

उत्तर–
रेखा– अरे स्नेहा! कैसी हो बहन? आज बहुत दिन बाद दिखाई दी।

स्नेहा– हां बहन मैं अपने मायके गई थी। दरसल मेरे भाई का जनेऊ था।

रेखा– अरे बहुत-बहुत बधाइयां तुम्हें और तुम्हारे परिवार को। आज क्या लेने आए हो दिख नहीं रही दिन प्रतिदिन कैसे हर चीज के दाम बढ़ते जा रहे हैं।

स्नेहा–जी धन्यवाद बहन। हां तुमने सच कहा मैं तो हैरान रह गई हूं। नींबू ₹300 किलो कैसे हो सकता है?

रेखा– अजी नींबू छोड़ो, नींबू के अलावा भी पेट्रोल, डीजल, सीएनजी और यह जितनी सब्जियां आ रही है सब के दाम बढ़ गए हैं।

स्नेहा– वही तो देख रही हो महंगाई किस तरीके से बढ़ती जा रही है।

रेखा– देख या बहन हम तो परेशान इन सबके बीच एक आम आदमी कमाए क्या और खाए क्या?

स्नेहा– यह तुम सच कह रही हो सरकार को भी इस बारे में सोच महंगाई बढ़ेगी तुम लोगों के पास इतना पैसा कहां से आएगा।

रेखा– इन सब मेहंगाइयों के बीच और खर्चे भी तो हैं। वो सब संभालने  के लिए भी महंगाई से इंसान जूझता ही है।

स्नेहा– यह तो तुम ठीक कह रही हो बहन।

रेखा– चलो मेरे तो आज का सब्जी लेना हो गया, तुम अपनी सब्जियां लेलो। और कभी वक्त मिले तो घर जरूर आना।

स्नेहा– हां बहन जरुर। मिलते हैं जल्द ही।
 

  • 0
What are you looking for?