what are sarvanam and please explain its types

मित्र वाक्य में संज्ञा शब्दों का बार-बार प्रयोग न करके उनके स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग होता है, उन्हें सर्वनाम कहते हैं; अर्थात् जो शब्द सब नामों की जगह प्रयोग किए जाते हैं, वे सर्वनाम कहलाते हैं।

 सर्वनाम शब्दों का अपना कोई अलग से अर्थ नहीं होता है; जैसे - वह लड़का है तो 'वह' शब्द लड़के के लिए आया है। अत: सर्वनाम शब्द का अर्थ उनके संदर्भ में होता है जिसके लिए प्रयोग हो, उसी जैसा हो जाता है।

सर्वनाम के प्रकार :-

सर्वनाम के छ: प्रकार होते हैं -

(1) पुरूषवाचक सर्वनाम

(2) सम्बंधवाचक सर्वनाम

(3) निश्चयवाचक सर्वनाम

(4) अनिश्चयवाचक सर्वनाम

(5) प्रश्नवाचक सर्वनाम

(6) निजवाचक सर्वनाम

 

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व्याकरण में ऐसे विकारी शब्दों का भेद या वर्ग जिनका प्रयोग सभी नामों या संज्ञाओं के स्थान पर उनके प्रतिनिधि के रूप में होता है।प्रोनाउन जैसातुम हम यह वह आदि।  
  1. Vyakti vachak sangya (Proper Noun) - e.g. Delhi, Gandhi, Ramayan, Geetanjali, Himalaya, Tajmahal
  2. Jati vachak sangya (Common Noun) - e.g. more(peacock), pustak(book), mahila(lady), baalak(boy), baalika(girl)
  3. Bhav vachak sangya (Abstract Noun) - e.g. bachpan(childhood), satya(truth), sundarata(beauty), namrata(politeness)
  4. Samudaay vachak sangya (Collective Noun) - e.g. sena(armed forces), sabha(assembly), mandali(group)
  5. Dravya vachak sangya (Material Noun) - e.g. sona(gold), loha(iron), paani(water)
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