Theme or moral of manushyata

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आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

मनुष्यता कविता में कवि ने दूसरों का भला करने, भाई-चारा अपनाने, परोपकारी बनने, पर-हित की भावना रखने, अपने स्वार्थों के लिए किसी का अहित नहीं करने, सहानुभूति रखने, करुणा रखने जैसे गुणों को अपनाने को कहा है। कवि ने हमेशा भलाई के मार्ग पर चलने की सलाह दी है। दूसरों की भलाई के लिए त्याग करने के लिए भी कहा है। पर-हित की भावना मनुष्य के भीतर सदैव होने चाहिए। अपने स्वार्थों के लिए किसी की अहित नहीं करना चाहिए। दूसरों की भलाई के लिए अपने प्राण भी देने से पीछे नहीं हटना चाहिए। जिस प्रकार दधीचि और कर्ण ने दान में अपने शरीर के अंग दे दिए, हमें भी उनसे सबक लेकर परोपकार की भावना मन में रखनी चाहिए।

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Manushya vahi manushya hai jo manushya ke liye mare...
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Be kind to others . All people in the world are equal . All people in the world are relatives , so it is our duty to help them , sacrifice many things for them
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