Smriti ko pathey banane se kavi ka kya aashay hai?

प्रश्न- स्मृति को `पाथेय` बनाने से कवि का क्या आशय है?

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं। 

कवि स्मृति को पाथेय अर्थात सहारा बनाना चाहता था। कवि के मन में बहुत सी मधुर स्मृतियां थी जिन्हें वह छोड़ना नहीं चाहता था। कवि इन मधुर यादों को सहारा बनाकर रखना चाहता था। कवि ना तो इन यादों को किसी के सामने प्रकट कर सकता था ना ही किसी के सामने इन यादें को बताना चाहता था। ये प्रेमभरी मधुर यादें ही कवि के लिए जीने का सहारा थीं।

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