Sarlarth
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उत्तर :- 

प्रस्तुत पद कबीर का है । इस पद के माध्यम से वे ज्ञान के विषय में बता रहे हैं । वे कहते हैं कि ज्ञान की प्राप्ति से भ्रम और माया का पर्दा पूरी तरह से नष्ट हो जाता है, हम माया के बंधन से मुक्त हो जाते हैं । मोह, माया और स्वार्थ का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता है और इसके परिणाम स्वरूप मनुष्य की कुबुद्धि नष्ट हो जाती है । आगे वे ज्ञानियों के विषय में बात करते हुए कहते हैं कि जो लोग इन माया, मोह आदि के बंधन में नहीं बँधते हैं, उन्हें कोई कठिनाई नहीं होती है । और अंत में वे कहते हैं कि इस ज्ञान की आंधी के जाने के बाद इसके साथ ही सभी सामाजिक बंधन नष्ट हो जाते हैं और मनुष्य इन सब से अलग होकर और भी बेहतर हो जाता है । यहाँ पर सांसारिक बंधनों को चित्रित करने के लिए झोपड़ी के विभिन्न अवयवों का सहारा लिया गया है ।

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