Pls ans quickly.
मित्र!
आपका उत्तर इस प्रकार है-
कन्यादान कविता में लड़की की जो छवि प्रस्तुत की गई है, वह उसकी परिस्थिति के अनुकूल नहीं है क्योंकि लड़की बहुत ही सीधी और सरल है। लड़की को जीवन के दुखों का अनुभव नहीं है। उसने परिवार में रहकर सिर्फ सुख का ही अनुभव किया है। वह बिलकुल नहीं जानती कि दुःख क्या होता है। लड़की को दुनियादारी क्या होती है, पता नहीं है। उसने केवल जिन्दगी का उजाले का रूप देखा है, अँधेरा नहीं देखा है। ससुराल में एक नए जीवन का अनुभव होगा। वहाँ के बंधन और दुःख को झेलना होगा।
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कन्यादान कविता में लड़की की जो छवि प्रस्तुत की गई है, वह उसकी परिस्थिति के अनुकूल नहीं है क्योंकि लड़की बहुत ही सीधी और सरल है। लड़की को जीवन के दुखों का अनुभव नहीं है। उसने परिवार में रहकर सिर्फ सुख का ही अनुभव किया है। वह बिलकुल नहीं जानती कि दुःख क्या होता है। लड़की को दुनियादारी क्या होती है, पता नहीं है। उसने केवल जिन्दगी का उजाले का रूप देखा है, अँधेरा नहीं देखा है। ससुराल में एक नए जीवन का अनुभव होगा। वहाँ के बंधन और दुःख को झेलना होगा।