Please solve this worksheet sir/mam
मित्र, .हम आपको प्रश्न का उत्तर दे रहे हैं, आगे के प्रश्नों के उत्तर के लिए कृपया अपने प्रश्न भेंजें |
[3] स्वर में ध्वनियों का वर्ण है जिसके उच्चारण से मुख विवर सदा कम या अधिक खुलता है , स्वर के उच्चारण के समय बाहर निकलती हुई श्वास वायु मुख विवर से कहीं भी रुके बिना बाहर निकल जाती है |
अनुनासिक स्वरों के उच्चारण में मुँह से अधिक तथा नाक से बहुत कम साँस निकलती है। इन स्वरों पर चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग होता है जो की शिरोरेखा के ऊपर लगता है। जैसे - आँख, माँ, गाँव आदि। जब शिरोरेखा के ऊपर स्वर की मात्रा लगी हो तब सुविधा के लिए चन्द्रबिन्दु (ँ) के स्थान पर बिंदु (ं) का प्रयोग करते हैं।
[3] स्वर में ध्वनियों का वर्ण है जिसके उच्चारण से मुख विवर सदा कम या अधिक खुलता है , स्वर के उच्चारण के समय बाहर निकलती हुई श्वास वायु मुख विवर से कहीं भी रुके बिना बाहर निकल जाती है |
अनुनासिक स्वरों के उच्चारण में मुँह से अधिक तथा नाक से बहुत कम साँस निकलती है। इन स्वरों पर चन्द्रबिन्दु (ँ) का प्रयोग होता है जो की शिरोरेखा के ऊपर लगता है। जैसे - आँख, माँ, गाँव आदि। जब शिरोरेखा के ऊपर स्वर की मात्रा लगी हो तब सुविधा के लिए चन्द्रबिन्दु (ँ) के स्थान पर बिंदु (ं) का प्रयोग करते हैं।