सूर समर करनी करहिं कहि न जनावहिं आपु |
बिद्यमान रन पाइ रिपु कायर कथहिं प्रतापु ||
मुखिया मुखु सो चाहिऐ खान पान कहुँ एक |
पालइ पोषइ सकल अंग तुलसी सहित बिबेक ||
please give full simple hindi meaning of these 2dohe [tulsidas] in hindi font.
मित्र!
आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं
सूर ------------------------------प्रतापु
शूरवीर युद्ध में बहादुरी से लड़ाई करता है। अपने हथियार का लोहा मनवाता है। अपने मुंह से अपनी तारीफ नहीं करता। कायर ही लड़ाई के समय बड़ी-बड़ी बातें करता है और अपना गुणगान करता है।
मुखिया ----------------------बिबेक
मुंह एक होता है। मुख के द्वारा खाया और पिया जाता है पर शरीर के सभी अंगों का पालन-पोषण बराबरी से होता है। मुखिया भी इसी प्रकार का होना चाहिए जो सबका ध्यान बराबर रखे।
आपके प्रश्न के उत्तर में हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं
सूर ------------------------------प्रतापु
शूरवीर युद्ध में बहादुरी से लड़ाई करता है। अपने हथियार का लोहा मनवाता है। अपने मुंह से अपनी तारीफ नहीं करता। कायर ही लड़ाई के समय बड़ी-बड़ी बातें करता है और अपना गुणगान करता है।
मुखिया ----------------------बिबेक
मुंह एक होता है। मुख के द्वारा खाया और पिया जाता है पर शरीर के सभी अंगों का पालन-पोषण बराबरी से होता है। मुखिया भी इसी प्रकार का होना चाहिए जो सबका ध्यान बराबर रखे।