Please give examples also
उत्तर -
मनुष्य का स्वभाव है कि वह छोटी चीज़ों के महत्त्व को नहीं समझता। यही कारण है कि वह जाने-अनजाने में उनकी अवहेलना करने लगता है। जब उन्हें उसकी आवश्कता पड़ती है, तभी उनकी याद आती है। सुई इसका सबसे उत्तम उदाहरण है। जब तक मनुष्य को सुई की आवश्यकता नहीं पड़ती है, तब तक वह उसे अनदेखा करता है। किसी कपड़े के फट जाने या बटन के टूट जाने पर ही वह उसे ढूँढने के लिए मारा-मारा फिरता है। यही पर उसका महत्त्व पता चलता है। यहाँ पर तलवार किसी काम की नहीं रहती। तलवार से आप अपनी रक्षा कर सकते हैं मगर फटे कपड़े को सीने के लिए आपको सुई ही चाहिए । अतः हमें चाहिए कि छोटी चीज़ों के महत्त्व को समझें और उनका सम्मान करें।
मनुष्य का स्वभाव है कि वह छोटी चीज़ों के महत्त्व को नहीं समझता। यही कारण है कि वह जाने-अनजाने में उनकी अवहेलना करने लगता है। जब उन्हें उसकी आवश्कता पड़ती है, तभी उनकी याद आती है। सुई इसका सबसे उत्तम उदाहरण है। जब तक मनुष्य को सुई की आवश्यकता नहीं पड़ती है, तब तक वह उसे अनदेखा करता है। किसी कपड़े के फट जाने या बटन के टूट जाने पर ही वह उसे ढूँढने के लिए मारा-मारा फिरता है। यही पर उसका महत्त्व पता चलता है। यहाँ पर तलवार किसी काम की नहीं रहती। तलवार से आप अपनी रक्षा कर सकते हैं मगर फटे कपड़े को सीने के लिए आपको सुई ही चाहिए । अतः हमें चाहिए कि छोटी चीज़ों के महत्त्व को समझें और उनका सम्मान करें।