please answer

मित्र​!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है-
 
पता ..........
दिनाँक ...........

पूज्यनीय पिताजी,
सादर प्रणाम!
मैं यहाँ भगवान की कृपा से कुशल मंगल हूँ। आशा करता हूँ कि वहाँ भी सभी कुशलमंगल होंगे। पिताजी मुझे प्रधानाचार्य से पता चला है कि मेरी पढ़ाई में  असंतोषजनक प्रगति के बारे में बताने के लिए उन्होंने पत्र लिखा है। मैं इस विषय में शर्मिंदा हूँ और आपको बताना चाहता हूँ कि यह क्यों हुआ?
 
मुझे हमारे विद्यालय की ओर से क्रिकेट की प्रतियोगिता में भाग लेना था। मैंने अपना सारा ध्यान उसी में लगा दिया। मैं भूल गया कि इससे मेरी पढ़ाई पर असर पड़ेगा। जब तक मुझे अहसास हुआ बहुत देर हो चूकी थी। मैं अपनी गलती के लिए आपसे माफी माँगता हूँ और आपको यह विश्वास दिलाता हूँ कि अब भविष्य में आपको शिकायत का मौका नहीं दूँगा। अब पत्र समाप्त करता हूँ। ​सबको मेरा प्रणाम कहिएगा। 

आपका पुत्र
​सूरज
 

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