Paath- namak ka daroga
उत्तर -
आलोपीदीन का वकील – जज साहब मेरे मुवक्किल पर गलत दोष लगाया गया है। वे इस शहर के प्रसिद्ध और धनवान व्यापारी हैं। उन पर इस प्रकार का आक्षेप लगाना अनुचित है।
सरकारी वकील – वंशीधर जी का यह आरोप है कि पंडित आलोपीदीन ने नमक को गैरकानूनी ढ़ंग से ले जाने का प्रयत्न किया है।
मजिस्ट्रेट - पंडित अलोपीदीन के विरुद्ध दिए गए प्रमाण निर्मूल और भ्रमात्मक हैं। वह एक बड़े भारी आदमी हैं। यह बात कल्पना के बाहर है कि उन्होंने थोड़े लाभ के लिए ऐसा दुस्साहस किया हो। यद्यपि नमक के दारोग़ा मुंशी वंशीधर का अधिक दोष नहीं है, लेकिन यह बड़े खेद की बात है कि उसकी उद्दंडता और विचारहीनता के कारण एक भलेमानुस को कष्ट झेलना पड़ा।
आलोपीदीन का वकील – जज साहब मेरे मुवक्किल पर गलत दोष लगाया गया है। वे इस शहर के प्रसिद्ध और धनवान व्यापारी हैं। उन पर इस प्रकार का आक्षेप लगाना अनुचित है।
सरकारी वकील – वंशीधर जी का यह आरोप है कि पंडित आलोपीदीन ने नमक को गैरकानूनी ढ़ंग से ले जाने का प्रयत्न किया है।
मजिस्ट्रेट - पंडित अलोपीदीन के विरुद्ध दिए गए प्रमाण निर्मूल और भ्रमात्मक हैं। वह एक बड़े भारी आदमी हैं। यह बात कल्पना के बाहर है कि उन्होंने थोड़े लाभ के लिए ऐसा दुस्साहस किया हो। यद्यपि नमक के दारोग़ा मुंशी वंशीधर का अधिक दोष नहीं है, लेकिन यह बड़े खेद की बात है कि उसकी उद्दंडता और विचारहीनता के कारण एक भलेमानुस को कष्ट झेलना पड़ा।