mulbav of chapter ak tinka
इस कविता का मुलभाव यह है की मनुष्य को कभी घमंड नहीं करना चाहिए। घमंड मनुष्य को पतन की ओर लेकर जाता है। घमंडी मनुष्य को कोई भी पसंद नहीं करता। यदि मनुष्य विनम्र व मधुरभाषी है तो लोग उसका आदर करते हैं। इसके विपरीत जो मनुष्य घमंडी है तो एक दिन ऐसा आता है जब उसे अपने घमंड के कारण सबके आगे शर्मिन्दा होना पड़ता है। जैसा की कविता में लेखक के साथ हुआ। अत: हमें चाहिए की सबका आदर करें व सबको स्नेह व प्रेमपूर्वक मिलें। झूठे घमंड को त्याग कर सबको समान दृष्टि से देखें।