अरूणोदय की पहली लाली इसको ही चूम निखर जाती ।
फिर संध्या की अंतिम लाली इस पर ही झूम बिखर जाती ।।
इन शिखरों की माया ऐसी
जैसे प्रभात, संध्या वैसी
अमरों को फिर चिंता कैसी ?
इस धरती का हर लाल खुशी से उदय-अस्त अपनाता है ।
गिरिराज हिमालय से भारत का कुछ ऐसा ही नाता है ।।
(क) इस धरती का हर लाल खुशी से उदय - अस्त अपनाता है - अर्थ स्पष्ट करें l
मित्र
क. भारतवर्ष का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय का ऋणी है। हिमालय भारत का गौरव है। भारतवर्ष का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय से जुड़ी हुए सभी अच्छाइयों और बुराइयों को अपनाता है।
क. भारतवर्ष का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय का ऋणी है। हिमालय भारत का गौरव है। भारतवर्ष का प्रत्येक व्यक्ति हिमालय से जुड़ी हुए सभी अच्छाइयों और बुराइयों को अपनाता है।