Kindly answer this as soon as possible
उत्तर :-
पर्वत प्रदेश में पावस ऋतु के दृश्य को कवि इंद्रजाल मानता है क्योंकि यहाँ वातावरण हर क्षण बदलते रहता है । यहाँ अचानक ही निस्तब्धता छा जाती है , केवल पानी की आवाज ही रह जाती है । अचानक से धूप उगी रहती है और अचानक से बारिश होने लगती है । प्रकृति के इसी मायाजाल को कवि इन्द्र के इंद्रजाल के रूप में वर्णित करता है ।
पर्वत प्रदेश में पावस ऋतु के दृश्य को कवि इंद्रजाल मानता है क्योंकि यहाँ वातावरण हर क्षण बदलते रहता है । यहाँ अचानक ही निस्तब्धता छा जाती है , केवल पानी की आवाज ही रह जाती है । अचानक से धूप उगी रहती है और अचानक से बारिश होने लगती है । प्रकृति के इसी मायाजाल को कवि इन्द्र के इंद्रजाल के रूप में वर्णित करता है ।