kavya soudaraya of parvat pradesh mein pavas poem ...

इसमें प्रकृति का मानवीकरण किया गया है। अतः यहाँ मानवीकरण अलंकार है। उपमा, अनुप्रास, रूपक तथा अन्य अलंकारों का भी सुंदर प्रयोग किया गया है। तत्सम शब्दों के कारण भाषा प्रवाहमयी बन गई है। कविता में गेयता का गुण विद्यमान है। कविता में चित्रात्मकता का भी गुण विद्यमान है। कविता पढ़ते या सुनते समय आँखों के आगे दृश्य साकार हो जाते हैं।

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