kanyadaan shirshak ki upyuktta spsht kijiye ?
कवि ने कविता का नाम कन्यादान रखा है क्योंकि कविता में बेटी के विवाह के समय का वर्णन है। माता को अपनी जान से प्यारी बच्ची को विवाह के बाद किसी ओर को सौंप देना है। उसके यह स्थिति बहुत कष्टप्रद है। एक बेटी को सारी उम्र पाल-पोसकर बड़ा करने के बाद उसे किसी ओर को सौंप देना उसे दुखी करता है। अतः कवि ने इसका नाम सही रखा है। क्योंकि इसके माध्यम से वह माँ के दुख तथा चिंता को बड़ी सरलता से स्पष्ट कर देता है। कविता का नाम पढ़कर ही समझ में आ जाता है कि यह बेटी से संबंधित है।