In panktiyon ki vyakhya likhiye kavita-Bhakti padavali
मित्र आपका उत्तर इस प्रकार है।
हे मेरे मन! ऐसे लोगों का साथ छोड़ दे, जो भगवान सेेेे विमुख रहते हैं। इन लोगों केेेे साथ रहने मन में दुर्बुद्धि आती है और ईश्वर केेे भजन मेंं विघ्न पैदा होता है। यदि कौवे को कपूर खिलाया जाए और कुत्तेे को गंगाजल से नहलाया जाए, यदि गधे को इत्र लगाई जाए, तो इन सब से कोई लाभ नहीं होता। इसी प्रकार हरी से विमुख मनुष्य को सत्संग नहींं भाता। यह लोग कालेेेे कंबल के समान होते हैं, जिस पर कोई दूसरा रंग नहीं चढ़ पाता है।
हे मेरे मन! ऐसे लोगों का साथ छोड़ दे, जो भगवान सेेेे विमुख रहते हैं। इन लोगों केेेे साथ रहने मन में दुर्बुद्धि आती है और ईश्वर केेे भजन मेंं विघ्न पैदा होता है। यदि कौवे को कपूर खिलाया जाए और कुत्तेे को गंगाजल से नहलाया जाए, यदि गधे को इत्र लगाई जाए, तो इन सब से कोई लाभ नहीं होता। इसी प्रकार हरी से विमुख मनुष्य को सत्संग नहींं भाता। यह लोग कालेेेे कंबल के समान होते हैं, जिस पर कोई दूसरा रंग नहीं चढ़ पाता है।