how did dhanraj pilliai succeed
मित्र हम आपको कुछ पंक्तियाँ लिखकर दे रहे हैं।कृपया इसे आप स्वयं विस्तारपूर्वक लिखने का प्रयास करें।
धनराज पिल्लै हॉकी के एक महान खिलाड़ी है। इन्होंने अपने समय में भारतीय हॉकी में नई जान डाल दी थी। इनका जन्म 16 जुलाई 1968 में महाराष्ट्र के खड़की में हुआ था। इन्हें तमिल हिंन्दी, मराठी एवं अंग्रेज़ी चार भाषाओं का ज्ञान है। भारतीय हॉकी खेल में धनराज पिल्लै ने बड़े कड़े परिश्रम के बाद अपनी जगह बनाई थी।
पिल्लै, ओलिंपिक खेलों में चार बार, इसके साथ ही विश्व कप में चार बार, एशियाई खेलों में चार बार तथा चैंपियंस ट्रॉफी में भी चार बार खेल चुके हैं। उन्होंने एशिया कप तथा एशियाई खेलों में जीत दर्ज करवाई है। यह उस समय की बात है, जब वे भारतीय टीम के कप्तान थे। पिल्लै ने कई बाहर के क्लबों को अपनी सेवा भी दी है। इसके अंतर्गत भारतीय (लंदन) जिमखाना, एचसी ल्यों (फ्रांस) , Selangor (कुआलालंपुर) Abhahani लिमिटेड (ढाका) और स्टटगार्ट kickers (स्टटगार्ट) जैसे विदेशी क्लबों का नाम निम्नलिखित है।
उन्हें 1995 में अर्जुन पुरस्कार और खेल में उत्कृष्टता के लिए 1998-99 में के.के. बिड़ला पुरस्कार मिला था। 1999 में प्रतिष्ठित राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिला और भारत सरकार की तरफ से 2000 में प्रतिष्ठित पद्म श्री से सम्मानित किया गया था।