आज विश्व में कहीं भी संवाद भेजने और पाने का एक बड़ा साधन इंटरनेट है। पक्षी और बादल की चिट्ठियों की तुलना इंटरनेट से करते हुए दस पंक्तियाँ लिखिए।

आज के युग में चारों तरफ इंटरनेट का जाल फैला हुआ है। हम अपने संवाद बड़ी ही सुगमता सुविधापूर्वक इंटरनेट के माध्यम से भेज पा सकते हैं, ये एक नए युग की शुरूआत है और उसी का आगाज़ भी। पहले मनुष्य पत्र व्यवहार के द्वारा अपने संदेश को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा करता था। परन्तु उसमें महीनों, दिनों का वक्त लगता था। पर आज हम कुछ पलों में ही इंटरनेट के माध्यम से अपना संदेश एक स्थान पर ही नहीं अपितु दूसरे देश में भी भेज सकते हैं और इसमें ज़्यादा समय भी नहीं लगता। परन्तु इसकी तुलना अगर पक्षी और बादलों की चिट्ठियों से की जाए तो इतनी पवित्रता और निश्चलता के आगे इंटरनेट छोटा ही साबित होता है। इंटरनेट के माध्यम से हम विचारों का, कार्य का, सूचनाओं का आदान-प्रदान तो कर सकते हैपर एक सीमा तक लेकिन पक्षी और बादल की तो कोई सीमा ही नहीं है। दूसरे ये किसी कार्य, सूचना, विचार का आदान-प्रदान नहीं करते ब्लकि ये ऐसी भावना का प्रचार करते हैं जो हम मनुष्यों के लिए लाभप्रद है, ये हर उसी गली-मौहल्ले, देश, छोटा घर, बड़ा घर, महल, तक जा सकते हैं और समान भाव से इस संदेश का प्रसार कर सकते हैं। इसमें इनका कोई स्वार्थ या हित नहींइसमें तो सिर्फ़ हमारा हित ही है जिसका कोई बुरा नतीजा देखने को नहीं मिलता। बस सद्भावना और प्यार करने का संदेश ही मिलता है।

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