सूरदास के चौथे पद का भावार्थ अपने शब्दो में लिखो

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं-
 
चौथे पद में गोपियाँ उद्धव से कृष्ण के लिए अपना गुस्सा जताती हैं और कहती हैं कि कृष्ण तो राजा हैं, वे सबकुछ कर सकते हैं उन्होंने बहुत राजनीति पढ़ ली है। खुद तो आए नहीं और उद्धव को अपने स्थान पर भेज दिया है कृष्ण तो पहले से बुद्धिमान  थे अब तो उन्होंने गुरुग्रंथ भी पढ़ लिया है उनका कर्तव्य है कि अपनी प्रजा का ध्यान रखें। हमें लगता है कि अब हमें कृष्ण के प्रति आसक्ति नहीं रखनी चाहिए क्योंकि वे अब मिलना नहीं चाहते। ये राजधर्म नहीं है। प्रजा को सताना नहीं चाहिए

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