george pancham ki naak path ke shirshak ki sarthakta sidh kijiye
मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
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जॉर्ज पंचम की नाक शीर्षक लेखक ने बहुत सोच-समझकर दिया है। यह नाक भारत के सम्मान का प्रतीक है, जिसे भारत के हुक्कमरानों ने विदेशी मेहमानों के सामने नष्ट कर दिया। जॉर्ज पंचम उस शासन तंत्र का मुख्य स्तंभ है, जिसने सदियों तक भारत को गुलाम बनाया और उसके सम्मान का हनन किया था। ऐसे शासन तंत्र के आने वाली रानी के स्वागत के लिए आज़ाद भारत के लोगों ने अपने सम्मान को ताक पर रख दिया। अतः वह नाक जॉर्ज पंचम की नहीं भारत की थी, जिसे जॉर्ज पंचम की मूर्ति पर लगाया जा रहा था। अतः यह शीर्षक देकर लेखक ने उस पर करारा व्यंग्य किया है।