Essay on vruksh ropan (plantation)

नमस्कार मित्र!
पेड़ हमारे ही नहीं पूरे संसार के जीवन का आधार हैं। यह पृथ्वी का बहुत आवश्यक स्तंभ है। पेड़ों की कमी का परिणाम यह हो रहा है कि वातावरण में कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है। पृथ्वी का तापमान अधिक हो गया है। मौसम और ऋतुओं पर भी असर देखने को मिल रहा है। गर्मी के मौसम में अत्यधिक गर्मी और ठंडी में ठंड अधिक पड़ने लगी है। किसी मौसम में अत्यधिक बरसात से बाढ़ की स्थिति बन जाती है और हज़ारों जानों-माल का नुकसान होता है। बारिश न होने की वजह से गाँव के गाँव सूखे की चपेट में आ जाते हैं। इससे हमारी प्राकृतिक व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है।
हमें चाहिए कि अपने इस प्यारे ग्रह को बचाने के लिए नित्य पेड़ लगाएँ। पेड़ लगाने के लिए विश्वभर में कोशिशे आरंभ की जा चुकी है। सब अपने इस ग्रह को बचाने में लगे हुए हैं। पर्यावरण दिवस इसी की एक श्रृंखला है। सारे विश्व में इस दिन पेड़ों को लगाया जाता है। यह एक प्रयास है। आज सरकार द्वारा और अन्य कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने का प्रयास किया जाता है। कई बार हमारे पास समस्याओं से निपटने के लिए विकल्प नहीं होते हैं। लेकिन हमारे पास पेड़ों के रूप में एक अच्छा विकल्प विद्यमान है। हर व्यक्ति को यह प्रयास करना चाहिए कि न स्वयं वृक्ष काटे और न ही किसी ओर को काटने दें। किसी-न-किसी अवसर पर वृक्ष लगाते रहें। अपने आस-पड़ोस में लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित करें। वृक्ष-रोपण हमारे आखिरी उम्मीद हैं। इस उम्मीद को बुझने न दें।
 
ढेरों शुभकामनाएँ!
 
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