Dialogs between *ghamand* and *samajh* in hindi....fastt

मित्र!
आपके प्रश्न का उत्तर इस प्रकार है।-
घमंड- मैं हूँ तो कुछ नहीं है। मेरे सामने किसकी बिसात है?
​समाज- मैं समाज हूँ और मेरे रहते हुए घमंड को स्थान नहीं है। घमंड किसी को भी बिखेर सकता हैं। समाज का कार्य है मनुष्य में व्याप्त घमंड को निकल बाहर करना।
 

  • 0
What are you looking for?