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अभ्यास–कार्य 10
निम्नलिखित विषय पर 150 से 200 शब्दों में प्रस्ताव लिखिए।
मानव–जीवन में सत्संगति का अलग ही महत्व है। इससे मूर्ख बुद्धिमान, दुराचारी सदाचारी, अज्ञानी ज्ञानी, पापी पुण्यात्मा तथा डाकू साधु बन जाता है। अतः उपर्युक्त पंक्तियों एवं निम्नलिखित उक्ति के आधार पर सत्संगति के महत्व पर प्रस्ताव लिखिए-"सठ सुधरहिं सत्संगति पाई।"

मित्र!
आपके प्रश्न के लिए हम अपने विचार दे रहे हैं। आप इनकी सहायता से अपना उत्तर पूरा कर सकते हैं।

सठ सुधरहिं सत्संगति पाई

मानव जीवन में सत्संगति का बहुत महत्व है। डाकू वाल्मीकि सत्संगति में ऋषि बन गए थे। दुष्टजन तब तक दुष्ट प्रकृति नहीं छोड़ता जब तक दुष्ट को अच्छे लोगों का साथ नहीं मिलता। सत्संगति में दुष्ट व्यक्ति भी भला बन जाता है। संत दुष्टों के साथ रहकर भी नहीं बदलते पर दुष्ट व्यक्ति संतों का साथ पाकर बदल जाते हैं। 

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