' Bhagwan ke dakiye 'kavita ka bhavarth batayiye
मित्र!
इसका भावार्थ है कि हमें धर्म, जाति, रंग इत्यादि के नाम पर लड़ना नहीं चाहिए। भगवान ने सबको समान बनाया है। अतः हमें मिलकर रहना चाहिए। जिस प्रकार प्रकृति किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। हमें भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।
इसका भावार्थ है कि हमें धर्म, जाति, रंग इत्यादि के नाम पर लड़ना नहीं चाहिए। भगवान ने सबको समान बनाया है। अतः हमें मिलकर रहना चाहिए। जिस प्रकार प्रकृति किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। हमें भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।