five lines on birthday celebrations in sanskrit
4 short poems in sanskrit on weather
Is sanskrit shlok ka arth aur bhavarth likhkar dijiye:
Chalam chittam chalam vittam chale jeevityovne. chalechalmidam sarvam kirtiryasye sa jeevati
Ineed urgently. exam on wednesday
a short story on akbar and birbal in hindi as well asin sanskrit
krid shabd ka tino vachan aur purush me dhatu rup
whatb is this
(3) उत्तम पुरुष (अहम्, आवाम्; वयम्)
इनका प्रयोग धातुरुप एवं क्रिया पदों के साथ होता है।
सर्वनाम
वे शब्द जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं।
राम: भोजन खादति।
स: भोजनं खादति।
यहाँ राम: के स्थान पर प्रयुक्त शब्द 'स: (वह)' सर्वनाम है।
यहाँ हम आपको 'तद्' (वह) शब्द रुपों का परिचय कराएंगे। तत्पश्चात् इन शब्दों का प्रयोग करके कुछ सरल वाक्य बनाने का प्रयास करेगें।
आइए अब तद् (वह) पुँल्लिङ्ग के रुपों पर एक नज़र डालें।
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमा:
स:
तौ
ते
द्वितीया
तम्
तान्
तृतीया
तेन
ताभ्याम्
तै:
चतुर्थी
तस्मै
तेभ्य:
पञ्चमी
तस्मात्
षष्ठी
तस्य
तयो:
तेषाम्
सप्तमी
तस्मिन्
तेषु
अब हम तद् (वह) नपुंसकलिंङ्ग के रुप देखेंगे।
तत्
तानि
आप इन दोनों शब्द रुपों में देख सकते हैं कि दोनों के रुप लगभग समान हैं। परन्तु नपुँसकलिंङ्ग के प्रथमा तथा द्वितीया विभक्ति के रुप में भिन्नता है। यदि आप दोनों में कोई भी एक रुप याद कर लें तो दूसरा स्वत: ही आपको याद हो जाएगा।
अब हम तद (वह) स्त्रीलिंग के रुपों को देखेंगे।
सा
ता:
ताम्
तया
ताभि:
तस्यै
ताभ्य:
तस्या:
तासाम्
तस्याम्
तासु
आप इन शब्द रुपों को दिन में कम-से-कम एक बार अवश्य देखें। ऐसा करने से ये स्वत: ही आपको याद हो जाएंगे।
आइए अब इन शब्द रुपों के आधार पर कुछ वाक्य बनाने का अभ्यास करें।
स: पाठं पठति।
वह पाठ पढ़ता है।
सा तेन सह गृहं गच्छति।
वह उसके साथ घर जाती है।
तस्मै देवाय: नम:।
उस देवता को नमस्कार है।
तै: केन सह ओदनं खादन्ति?
वे किनके साथ चावल खाते हैं?
स: तस्मात् वनात् विभेति।
वह उस वन से ड़रता है।
तस्मिन् गृहे अहं प्रविष्यामि।
मैं उस घर में प्रवेश करुँगा।
तेषाम् सेवका: निर्धन: सन्ति।
उनके सेवक (नौकर) गरीब हैं।
तस्मिन वृक्षे एकं शुकस्य: नीड़म् अस्ति।
उस वृक्ष पर एक तोते का घोंसला है।
आप उपरोक्त वाक्यों में रेखाङ्कित शब्दों में प्रयुक्त विभक्तियों की पहचान कीजिए।
what is the bhavishya for uthishtathi ,upavishtathi and sthapayathi
kya aap guru ke shabd rup de sakte hai (rukarant)
what is meaning of 'vidut-vyajnani' on page 12 ist para?
five lines on birthday celebrations in sanskrit
4 short poems in sanskrit on weather
Is sanskrit shlok ka arth aur bhavarth likhkar dijiye:
Chalam chittam chalam vittam chale jeevityovne. chalechalmidam sarvam kirtiryasye sa jeevati
Ineed urgently. exam on wednesday
a short story on akbar and birbal in hindi as well asin sanskrit
krid shabd ka tino vachan aur purush me dhatu rup
whatb is this
(3) उत्तम पुरुष (अहम्, आवाम्; वयम्)
इनका प्रयोग धातुरुप एवं क्रिया पदों के साथ होता है।
सर्वनाम
वे शब्द जो संज्ञा के स्थान पर प्रयुक्त होते हैं, सर्वनाम कहलाते हैं।
राम: भोजन खादति।
स: भोजनं खादति।
यहाँ राम: के स्थान पर प्रयुक्त शब्द 'स: (वह)' सर्वनाम है।
यहाँ हम आपको 'तद्' (वह) शब्द रुपों का परिचय कराएंगे। तत्पश्चात् इन शब्दों का प्रयोग करके कुछ सरल वाक्य बनाने का प्रयास करेगें।
आइए अब तद् (वह) पुँल्लिङ्ग के रुपों पर एक नज़र डालें।
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमा:
स:
तौ
ते
द्वितीया
तम्
तौ
तान्
तृतीया
तेन
ताभ्याम्
तै:
चतुर्थी
तस्मै
ताभ्याम्
तेभ्य:
पञ्चमी
तस्मात्
ताभ्याम्
तेभ्य:
षष्ठी
तस्य
तयो:
तेषाम्
सप्तमी
तस्मिन्
तयो:
तेषु
अब हम तद् (वह) नपुंसकलिंङ्ग के रुप देखेंगे।
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमा:
तत्
ते
तानि
द्वितीया
तत्
ते
तानि
तृतीया
तेन
ताभ्याम्
तै:
चतुर्थी
तस्मै
ताभ्याम्
तेभ्य:
पञ्चमी
तस्मात्
ताभ्याम्
तेभ्य:
षष्ठी
तस्य
तयो:
तेषाम्
सप्तमी
तस्मिन्
तयो:
तेषु
आप इन दोनों शब्द रुपों में देख सकते हैं कि दोनों के रुप लगभग समान हैं। परन्तु नपुँसकलिंङ्ग के प्रथमा तथा द्वितीया विभक्ति के रुप में भिन्नता है। यदि आप दोनों में कोई भी एक रुप याद कर लें तो दूसरा स्वत: ही आपको याद हो जाएगा।
अब हम तद (वह) स्त्रीलिंग के रुपों को देखेंगे।
एकवचन
द्विवचन
बहुवचन
प्रथमा:
सा
ते
ता:
द्वितीया
ताम्
ते
ता:
तृतीया
तया
ताभ्याम्
ताभि:
चतुर्थी
तस्यै
ताभ्याम्
ताभ्य:
पञ्चमी
तस्या:
ताभ्याम्
ताभ्य:
षष्ठी
तस्या:
तयो:
तासाम्
सप्तमी
तस्याम्
तयो:
तासु
आप इन शब्द रुपों को दिन में कम-से-कम एक बार अवश्य देखें। ऐसा करने से ये स्वत: ही आपको याद हो जाएंगे।
आइए अब इन शब्द रुपों के आधार पर कुछ वाक्य बनाने का अभ्यास करें।
स: पाठं पठति।
वह पाठ पढ़ता है।
सा तेन सह गृहं गच्छति।
वह उसके साथ घर जाती है।
तस्मै देवाय: नम:।
उस देवता को नमस्कार है।
तै: केन सह ओदनं खादन्ति?
वे किनके साथ चावल खाते हैं?
स: तस्मात् वनात् विभेति।
वह उस वन से ड़रता है।
तस्मिन् गृहे अहं प्रविष्यामि।
मैं उस घर में प्रवेश करुँगा।
तेषाम् सेवका: निर्धन: सन्ति।
उनके सेवक (नौकर) गरीब हैं।
तस्मिन वृक्षे एकं शुकस्य: नीड़म् अस्ति।
उस वृक्ष पर एक तोते का घोंसला है।
आप उपरोक्त वाक्यों में रेखाङ्कित शब्दों में प्रयुक्त विभक्तियों की पहचान कीजिए।
what is the bhavishya for uthishtathi ,upavishtathi and sthapayathi
kya aap guru ke shabd rup de sakte hai (rukarant)
what is meaning of 'vidut-vyajnani' on page 12 ist para?